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Mahakumbh 2025 : महाकुंभ 2025 क्यों मनाया जाता है

 Mahakumbh 2025 : महाकुंभ 2025 क्यों मनाया जाता है



 


महाकुंभ की पौराणिक कथा समुद्र मंथन से जुड़ी हुई है। आपको बता दे सतयुग में एक बार राक्षसों और देवताओं के बीच समुद्र मंथन हुआ था, तो इस दौरान समुद्र मंथन से निकलने वाले सभी रत्नों को आपस में बाटने का फैसला हुआ। सभी रतन को राक्षसों और देवताओं ने आपसी समझौता से बाट लिए, लेकिन इससे निकले अमृत के लिए दोनों पक्षों के बीच बहुत भारी युद्ध छिड़ गया



ऐसे में असुरों से अमृत को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने अमृत का पात्र अपने प्रिय वाहन गरुड़ देव को दे दिया। ऐसे में परेशान होकर असुरों ने जब देखा कि अमृत गरुड़ जी के पास है, तो असुरों के द्वारा इसे छीनने का प्रयास करने लगे।


इस चिन्ना झपटी के दौरान अमृत की कुछ बूंदे धरती के चार जगहों पर यानी प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में जाकर गिर। जहां–जहां यह बूंदे गिरी थी आज उन्हीं जगहों पर 12 सालों के अंतराल में कुंभ में का आयोजन होता है।

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