महाकुंभ में वायरल हुए IIT के इंजिनियर के पिता ने सारी सच्चाई बताई।
महाकुंभ प्रयागराज में सोशल मीडिया पर छाए IIT बाबा अभय सिंह का मूल से पैतृक गांव हरियाणा के झज्जर के सारौली में है इनके पिता पेशे से एक वकील हैं और झज्जर बार के प्रधान भी रह चुके हैं। न्यूज चैनलों के माध्यम से जब उनके पिता से बात की तो उन्होंने कहा बेटा अभय सिंह बचपन से ही पढ़ाई में अवाल रहे थे, वह एक होनहार छात्र थे अच्छा रैंक आने के बाद उसे मुंबई के आईआईटी में एडमिशन मिला। वह कोरोना काल में कनाडा में रह रहे थे। उसके बाद वह अपने बहन के पास ही रहकर नौकरी भी किया।
अभय के पिता कहते है कि कनाडा से आने के बाद वह अपने बेटे को भिवानी के एक नैचुरल पैथी चिकित्सालय में ले गए थे वहीं पर मेडिटेशन के दौरान वहां के डॉक्टरों ने अभय के अध्यात्म में जाने की बात बताई थी वह बोले कि अभय का संन्यासी बनाने का फैसला उनका खुद का है। हो सकता है कि अभय का अध्यात्म जाने का पीछे कोई लंबी चौरी सोच हो और वह और वह देश को कुछ अध्यात्म का संदेश देना चाहते हो।
माता-पिता के साथ परिवार के अन्य सदस्यों का भी नंबर ब्लॉक है।
उनके पिता ने कहा के अभय ने कभी उनके सामने खुलकर कोई बात नहीं की वह मुझसे हमेशा कम बाते किया करता था बेटे ने अध्यात्म में। जाने की बात नहीं मुझसे कभी कही और न ही अपने परिवार से यह बाती की अभय कभी फोन पर बात करने का भी शौकीन नहीं था। उसे जब फोन करता था तो वह कहता था कि आप मैसेज कर दिया करो में आपको रिप्लाइ कर दूंगा। लेकिन इसके बाद वह पिछले 6 महीनों से अपने पूरे परिवार का नंबर ब्लॉक में कर दिया जिसके कारण उसका पता नहीं चल पाया था।
अभय के पिता को सोशल मीडिया से अध्यात्म में जाने का पता चला
पिता ने कहा, सोशल मीडिया से ही उन्हें पता चला उभय के अध्यात्म में जाने की जानकारी अपने बचाव के ही चकर में उन्होंने मेरे साथ-साथ पूरे परिवार के नंबर को ब्लॉक कर दिया क्योंकि उन्हें पता था कि परिवार वाले उनकी शादी करवा देंगे आईआईटी करने के दौरान ही वह उज्जैन के कुंभ में गया था वह धुन का धनी है वह छात्र की अवस्था में दो ढाई बजे तक पढ़ाई करता था। कर्णन सिंह ने कहा कि वह अभी भी बेटे का घर आने का इतंजार कर रहे है।

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