नागा साधुओं को क्यों नहीं जलाया जाता हैं, आखिर ऐसा क्यों आइए जानते हैं।
तो आज हम जानेंगे कि नागा साधुओं कि मृत्यु हो जाने के बाद इन्हें जलाया क्यों नहीं जाता है, हम और आप कभी न कभी नागा साधुवों के बारे में जरुर सुने होंगे और ये अपने वसूलो के पक्के भी होते हैं। जैसा कि आपको पता होगा अभी महाकुम्भ मेला सुरु हो गयी है और लाखो नागा साधू महाकुम्भ में स्नान करने के लिए आ रहे है तो ऐसे में हमारे मन में जरुर ऐसा सवाल होता होगा ही इनकी मृत्यु हो जाने पर इन्हें जलाया जाता है या नहीं तो आज हम इन्ही सवालो के जवाब को आपके साथ साझा करेंगे ।
हिन्दू धर्म के मुताबित जन्म से लेकर मृत्यु तक संस्कारो का पालन किया जाता है और इनमे अंतिम संस्कार भी प्रमुख है आम लोगो कि अंत्येष्टि दाह संस्कार कर दी जाती है।
जूना अखारा के कोतवाल अखंडानंद महाराज जी बताते हैं कि मृत्यु के बाद नागा साधु को समाधी दी जाती है। वह चाहे जल समाधी हो या फिर भू-समाधि नागा कि चिता को आग नहीं दी जाती है इससे बहुत दोष लगता है वो पहले ही अपने जीवन को नष्ट कर चुके होते हैं और पिंडदान कर चुके होते हैं ।
संन्यासी स्वामी हर प्रसाद जी ने बताया कि नागा साधु जीवित रहते ही अपना तन और मन भगवान को समर्पित कर चुके होते हैं ऐसे में उनके सव को अग्नि नहीं दी जाती है ।
आपको बता दे पहले नागा साधुओं को जल समाधी देने का चलन था, लकिन प्रदुषण को कम करने के मकसद से अब नागा साधुओं को सिद्ध योग मुद्रा में बैठाकर भू-समाधि दी जाती है।

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